
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है, जिसमें एक तरफ पेट्रोल पंप पर केवल इंडियन ऑयल लिखा हुआ है इसके उपर कांग्रेस लिखा गया है, जबकि दूसरी तरफ पेट्रोल पंप पर इंडियन ऑयल—अडानी गैस लिखा दिख रहा है और इसके उपर बीजेपी लिखा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि मौजूदा सरकार ने अब इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड को प्राइवेट कंपनी को बेच दिया है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है। विश्वास न्यूज ने इंडियन ऑयल—अडानी गैस प्राइवेट लिमिटेड (IOAGPL) के स्पोक्सपर्सन से संपर्क किया, जिसने यह साफ किया कि यह ज्वाइंट वेंचर साल 2013 से ही चला आ रहा है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर காங்கிரஸ் தேசம் ने पोस्ट शेयर की, जिसमें यह दोनों तस्वीरें हैं और यह बताने की कोशिश की गई है कि कांग्रेस के समय इंडियन ऑयल सरकारी कंपनी थी, लेकिन बीजेपी की सरकार आते ही इसे प्राइवेट कंपनी के हाथों बेच दिया गया है।
वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देख सकते हैं।
यह तस्वीर ट्विटर पर अन्य भाषाओं में वायरल है। पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां https://archive.is/BSEIB देखें।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले इंटरनेट पर इंडियन ऑयल और अडानी गैस के बारे में सर्च किया। IOAGPL की वेबसाइट के अनुसार IOAGPL इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड—भारत सरकार की महारत्न कंपनी और अडानी गैस लिमिटेड—अडानी ग्रुप की गैस वितरण कंपनी का ज्वाइंट वेंचर है। यह कंपनी अंडरग्राउंड पाइप लाइंस के जरिए नेचुरल गैस का वितरण देशभर में करने के लिए बनाई गई थी।
हमें मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं, जिसमें यह बात साफ लिखी गई थी कि यह ज्वाइंट वेंचर 2013 में बना था और दोनों की इसमें 50:50 की हिस्सेदारी है।
हमें इन दोनों कंपनियों की पार्टनरशिप के बारे में इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर भी मिली।
विश्वास न्यूज ने ईमेल के जरिए IOAGPL के स्पोक्सपर्सन से संपर्क किया। उन्होंने हमारे ईमेल के जवाब में यह साफ किया कि यह ज्वाइंट वेंचर अक्टूबर 2013 में हुआ था और यह कोई नया वेंचर नहीं है।
अब बारी थी फेसबुक पर इस पोस्ट को साझा करने वाले पेज காங்கிரஸ் தேசம் के बारे में जानने की। हमने पेज की प्रोफाइल को स्कैन किया तो पाया कि इस पेज पर राहुल गांधी और कांग्रेस से जुड़ी कई पोस्ट मौजूद हैं और खबर लिखे जाने तक इसके 1101 फॉलोअर्स थे।
निष्कर्ष: सरकार ने इंडियन ऑयल को प्राइवेट कंपनी को नहीं बेचा है, इंडियन ऑयल—अडानी गैस का ज्वाइंट वेंचर साल 2013 में ही शुरू हुआ था।
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