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Quick Fact Check: लेबनान में ज़ख़्मी लड़की की तस्वीर को अब भारत में पुलिस द्वारा छात्रों पर बर्बरता बता कर किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की तो पाया कि वायरल तस्‍वीर असल में लेबनान में 2005 में अशुरा (मुहर्रम) मातम के दौरान की है। इस तस्वीर का भारत से कोई लेना देना नहीं है।

  • By Vishvas News
  • Updated: January 3, 2020

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। फेसबुक पर एक बार फिर से एक ज़ख़्मी लड़की की तस्‍वीर वायरल हो रही है। तस्‍वीर को लेकर Mohammad Saad नाम के एक फेसबुक यूजर ने दावा किया है कि ये लड़की एक छात्रा है जो पुलिस एक्शन में घायल हुई थी। इस यूजर ने दावे में लिखा है “दलाल मीडिया ये नही दिखाएगी नपुंसक पुलिस की लाठी चार्ज में छात्र-छात्राओ के साथ बर्बरता को नही दिखाएंगे।” विश्‍वास न्‍यूज ने इस फोटो की पहले भी पड़ताल की थी। उस वक्‍त हमें पता चला था कि वायरल तस्‍वीर असल में लेबनान में 2005 में अशुरा (मुहर्रम) मातम के दौरान की है।।

विश्‍वास न्‍यूज को सर्च में www.nejatngo.org की एक खबर मिली थी जिसमें इस फोटो का इस्तेमाल किया गया था। ये खबर जनवरी 2, 2010 को लिखी गयी थी और इसके अनुसार ये तस्वीर लेबनान की एक लड़की की है जब दक्षिण लेबनान के नाबातीह में आशूरा(मुहर्रम) का मातम मनाया गया था। ये खबर jafariyanews.com पर भी थी।

jafariyanews.com के UAE चीफ करोसपोंडेंट अहमद हम्मीदी ने विश्वास न्यूज़ से बात करते हुए कन्फर्म किया था कि ये तस्वीर उनकी वेबसाइट की ही है जिसे लेबनान में आशूरा के दौरान 2005 में खींचा गया था।

अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने Mohammad Saad नाम के उस यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की, जिसने इस लड़की की तस्वीर को झूठे दावे के साथ शेयर किया। इनके प्रोफाइल के अनुसार के महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले हैं और इनके फेसबुक पर कुल 1,080 फ़ॉलोअर्स हैं।

पूरी पड़ताल पढ़ें

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की तो पाया कि वायरल तस्‍वीर असल में लेबनान में 2005 में अशुरा (मुहर्रम) मातम के दौरान की है। इस तस्वीर का भारत से कोई लेना देना नहीं है।

  • Claim Review : दलाल मीडिया ये नही दिखाएगी नपुंसक पुलिस की लाठी चार्ज में छात्र-छात्राओ के साथ बर्बरता को नही दिखाएंगे
  • Claimed By : Mohammad Saad
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