
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मिडिया पर कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच में कई फर्जी पोस्ट वायरल हो रही है। इसी तरह एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि राजस्थान के जयपुर में 300 साधु कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया। जयपुर में सेठी कॉलोनी नाम की जगह पर एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया था, जो नज़दीक के मंदिर में रहता था। उसके बाद से संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आए लोगों को आइसोलेट कर दिया गया था। 300 साधुओं के कोरोना संक्रमित होने के नाम पर वायरल यह पोस्ट भ्रामक है।
“Imran Poshak” नाम के फेसबुक यूज़र ने एक मीडिया हाउस के वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा: “जयपुर मे 300 साधू कोरोना पॉजिटिव👇”
इस पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक यहां है
दावे की पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। वीडियो में बताया जा रहा है कि राजस्थान के जयपुर शहर के ट्रांसपोर्ट नगर चौराहे पर चिलम पीने वाले साधु के कोरोना संक्रमित निकलने के बाद से ही पूरे इलाके में हंगामा हो गया। वीडियो में सुना जा सकता है कि साधु के सम्पर्क में आने वाले 300 लोग आइसोलेट किए गए। हालांकि, इस वीडियो में कहीं भी नहीं बताया गया कि 300 साधु कोरोना संक्रमित निकले हैं।
अब हमने वीडियो को आधार बनाकर कीवर्ड सर्च का सहारा लिया। हमें कहीं भी ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसने दावा किया गय हो कि जयपुर में 300 साधु कोरोना संक्रमित निकले हैं। हमें अपनी सर्च में ऐसी खबरें ज़रूर मिली, जिसमें बताया गया था कि 300 साधुओं के कोरोना संक्रमित होने का वायरल दावा गलत है।
अब हमने इस दावे को लेकर जिला कलेक्टर से भी सम्पर्क किया। जिला कलेक्टर रजनीश शर्मा ने भी इस दावे को ख़ारिज किया और बताया कि यह वायरल दावा पिछले कुछ दिनों से वायरल हो रहा है और इस दावे में कोई सच्चाई नहीं है।
हमने इस मामले को लेकर हमारे दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नई दुनिया के जयपुर संवादाता मनीष गोधा से भी सम्पर्क किया। मनीष ने भी इस दावे कि तफ्तीश की और हमें बताया, “जयपुर में 300 साधुओं के कोरोना संक्रमित मिलने का वायरल दावा सही नहीं है। अभी तक ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। कुछ दिनों पहले जयपुर स्तिथ सेठी कॉलोनी में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित मिला था जो नज़दीक के मंदिर में रहता था। उसके बाद से ही इस व्यक्ति के सम्पर्क में आए लोगों को आइसोलेट कर दिया गया था। इस व्यक्ति को लोग साधु भी बोला करते थे। हाल फ़िलहाल यह मंदिर बंद है।”
इस दावे को सोशल मीडिया पर कई लोगों ने शेयर किया है और इन्हीं में से एक है “Imran Poshak” नाम का फेसबुक यूज़र। इस प्रोफ़ाइल की सोशल स्कैनिंग करने पर हमने पाया कि यह एक खास विचारधारा का समर्थक है।
डिस्क्लेमर: इस स्टोरी से कुछ गैर जरूरी आंकड़ें हटाते हुए इसे अपडेट किया गया है। स्टोरी को अपडेट किए जाने की प्रक्रिया SoP के मुताबिक है और इससे निष्कर्ष या नतीजों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि जयपुर में 300 साधुओं के कोरोना संक्रमित होने के नाम से वायरल हो रहा यह पोस्ट भ्रामक है।
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