
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो में कोरोना वायरस के संक्रमण को घर पर ही उपचार से ठीक किए जाने का दावा किया जा रहा है। विश्वास न्यूज़ को फैक्ट चेकिंग वॉट्सऐप चैटबॉट (+91 95992 99372) पर भी यह वीडियो फैक्ट चेक के लिए मिला है। विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में यह दावा भ्रामक पाया गया है। वीडियो में जो नुस्खे बताए गए हैं, वो इम्युनिटी बढ़ाने में काम आ सकते हैं, लेकिन उनसे कोरोना वायरस का इलाज का दावा करना सही नहीं है। डॉक्टरों की सलाह के बिना खुद इलाज से बचना चाहिए। ये खतरनाक हो सकता है।
विश्वास न्यूज़ के वॉट्सऐप चैटब़ॉट पर एक यूजर यूट्यूब पर शेयर किए गए वीडियो को फैक्ट चेक के लिए भेजा है। इस वीडियो को ट्विटर पर भी शेयर किया जा रहा है। यूट्यूब पर पोस्ट किए गए इस वीडियो के टाइटल में लिखा है, ‘Corona virus se kaise bache! Corona ke gharelu upay! Corona update corona virus ka ilaj.’ इसे अगर हिंदी में लिखा जाए- ‘कोरोना वायरस से कैसे बचें! कोरोना के घरेलू उपाय! कोरोना अपडेट कोरोना वायरस का इलाज।’ यूट्यूब पर पोस्ट किए गए इस वीडियो के आर्काइव्ड लिंक को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। ट्विटर पर शेयर किए गए इसी दावे के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले इस वीडियो के टाइटल को देखा। टाइटल में ही कोरोना वायरस के इलाज का दावा किया जा रहा था। WHO के मुताबिक, अबतक कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज नहीं खोजा जा सका है। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक कर WHO की साइट पर जा सकते हैं।
इसके अलावा कोरोना वायरस की वैक्सीन के आने की भी अबतक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। हालांकि, कुछ देश ये दावा जरूर कर रहे हैं कि उन्होंने सफलतापूर्वक कोरोना वायरस की वैक्सीन बना ली है। इसके बावजूद ऐसे दावों पर अभी WHO की मुहर लगनी बाकी है।
विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए इस वीडियो को पूरा देखा। वीडियो की शुरुआत में कोरोना वायरस से संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर के इस्तेमाल की बात की गई है। WHO जैसी संस्थाएं भी ये सुझाव दे रही हैं। हालांकि, वीडियो में 3 मिनट 44 सेकंड के बाद बिना डॉक्टर के पास गए इलाज का दावा किया जा रहा है। वीडियो में कहा जा रहा है कि कोविड-19 अस्पतालों में काफी फीस ली जा रही है। इसी क्रम में आगे बताया जा रहा है कि तुलसी का काढ़ा पिएं। इसे अदरक, हल्दी, आजवाइन की मदद से बनाने का तरीका भी बताया जा रहा है। इसी तरह और भी घरेलू नुस्खे बताए जा रहे हैं।
इस संबंध में हमने कोविड-19 अस्पतालों में मरीजों के इलाज में जुटे गाजीपुर के डिप्टी सीएमओ डॉक्टर प्रगति कुमार से बात की। उन्होंने कहा कि सरकारी कोविड-19 अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के शिकार लोगों से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया, ‘कोरोना वायरस का संक्रमण काफी खतरनाक है। ऐसे दावों पर भरोसा कर खुद से चिकित्सा नहीं करनी चाहिए। अक्सर ऐसी स्थिति में बीमारी बढ़ जाती है। बिना टेस्ट के आप यह भी पता नहीं कर सकते कि आपको कोरोना के लक्षण हैं या सामान्य सर्दी-जुकाम बुखार के। आजकल लोग अपने लक्षणों को छिपा सेल्फ मेडिकेशन कर रहे हैं, ये खतरनाक है।’ एक्सपर्ट डॉक्टर के मुताबिक, वीडियो में बताए गए उपाय इम्यून सिस्टम के लिए ठीक हो सकते हैं, लेकिन इन्हें कोरोना का इलाज नहीं कहा जा सकता।
आपको बता दें कि आयुष मंत्रालय ने इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के कुछ उपाय सुझाए हैं। आप उन उपायों को यहां क्लिक कर देख सकते हैं।
हमने इस वीडियो को ट्वीट करने वाले यूजर Shiv Baba Baba की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल दिसंबर 2017 में बनाई गई है। फैक्ट चेक किए जाने तक यह प्रोफाइल 107 लोगों को फॉलो कर रही थी, जबकि फॉलोअर्स 8 थे।
निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे इस वीडियो के कई दावे भ्रामक हैं। वीडियो में बताए गए नुस्खे कोरोना संक्रमण का इलाज नहीं हैं। कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत सरकारी हेल्पलाइन और एक्सपर्ट डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए। सेल्फ मेडिकेशन जानलेवा हो सकता है।
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