
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक व्यक्ति के गले के अंदर का हिस्सा देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह कोरोना पीड़ित व्यक्ति के गले की तस्वीर है। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर काफी पुरानी है और इसका कोविड-19 से कोई लेना-देना नहीं है।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक यूजर Lucia Duduzile Vilakazi Binda ने यह तस्वीर शेयर की, जिसमें लिखे हुए अंग्रेजी टेक्स्ट का हिंदी अनुवाद है: कोरोना वायरस से इन्फेक्टेड पेशेंट के गले के अंदर की एक्स्क्लूसिव तस्वीर, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे वायरस ने गले से फेफड़ों के एंट्रेंस तक को संक्रमित किया हुआ है। यह शुरुआती दिनों का इन्फेक्शन है।
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा तो हमें यह तस्वीर रेडिट पर मिल गई। रेडिट पर यह तस्वीर 29 मई 2018 को अपलोड की गई थी।
कोरोना वायरस की शुरुआत साल 2019 में हुई थी, यानी कि इस तस्वीर का कोरोना वायरस से कोई लेना-देना नहीं है।
रेडिट पर जिस व्यक्ति ने यह पोस्ट डाली थी, उसी ने कमेंट्स में मैसेज कर लिखा कि उसे गले में मर्सा इन्फेक्शन हुआ है।
इस तस्वीर पर विश्वास न्यूज की डिटेल में पड़ताल यहां पढ़ी जा सकती है।
विश्वास न्यूज ने नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉ. निखिल मोदी से संपर्क किया। हमने डॉ. मोदी को वायरल तस्वीर दिखाई, उन्होंने बताया: नोवल कोरोना वायरस एक वायरल इन्फेक्शन है, जबकि तस्वीर में बैक्टीरियल इन्फेक्शन नजर आ रहा है। कोरोना वायरस में व्यक्ति के गले में दर्द हो सकता है, जिससे उसे गले में छाले या इरिटेशन हो सकती है, लेकिन जैसा तस्वीर में नजर आ रहा है, वैसा नहीं होता।
यह पोस्ट फेसबुक यूजर Lucia Duduzile Vilakazi Binda ने साझा की है। फेसबुक प्रोफाइल को स्कैन करने पर पता चला कि यूजर मेलविले का रहने वाला है।
निष्कर्ष: वायरल हो रही तस्वीर कोरोना वायरस के मरीज के गले की तस्वीर नहीं है।
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