
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर 2 तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है। पहली तस्वीर में एक सिख व्यक्ति को एक सुरक्षा अधिकारी के सामने तलवार लिए खड़ा देखा जा सकता है, और दूसरी तस्वीर में एक जख्मी बुज़ुर्ग व्यक्ति को देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह दोनों तस्वीरें एक ही व्यक्ति की हैं और सुरक्षाकर्मी को तलवार दिखाने वाले व्यक्ति की पुलिस द्वारा पिटाई की गई है।
Vishvas News की जांच में किया गया दावा फर्जी साबित हुआ। पुलिस और किसान आन्दोलनकारियों के बीच विवाद 26 जनवरी 2021 को हुआ थी, जबकि ज़ख़्मी व्यक्ति की यह तस्वीर दिसंबर 2020 की है। ख़बरों के मुताबिक, चेहरे पर चोट वाले जिस बुजुर्ग की तस्वीर को गणतंत्र दिवस के दौरान हुई हिंसा का बताया जा रहा है, वह दिसंबर 2020 में पंजाब में हुई एक ट्रॉली दुर्घटना की है।
क्याा हो रहा है वायरल
वायरल कोलाज की पहली तस्वीर में एक सिख व्यक्ति को एक सुरक्षा अधिकारी के सामने तलवार लिए खड़ा देखा जा सकता है और दूसरी तस्वीर में एक जख्मी बुज़ुर्ग व्यक्ति को देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है, “कम्बल ठुकाई क्या से क्या हो गए देखते देखते। Before After “
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
हमने इन दोनों तस्वीरों को एक-एक करके जांचा।
निहंग सिख की तलवार लिए तस्वीर की पड़ताल: पहली तस्वीर के मूल स्रोत तब पहुँचने के लिए हमने Google रिवर्स इमेज सर्च टूल का उपयोग करके इस तस्वीर की खोज की। हमें यह तस्वीर deccanherald.com और indianexpress.com पर मिली। दोनों ही ख़बरों के अनुसार, तस्वीर 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों और पुलिस के बीच हुए विवाद की है।
जख्मी व्यक्ति की तस्वीर की जाँच: इस तस्वीर के मूल स्रोत तब पहुँचने के लिए भी हमने Google रिवर्स इमेज सर्च टूल का उपयोग करके इस तस्वीर की खोज की। हमें यह तस्वीर शिरोमणि अकाली दल के महासचिव बिक्रम सिंह मजीठिया के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में मिली, जिसे 27 दिसंबर, 2020 को पोस्ट किया गया था। पोस्ट के साथ पंजाबी में डिस्क्रिप्शन लिखा था, जिसका हिंदी अनुवाद होता है- “कल रात, वाडले गाँव से खबर मिली थी कि दिल्ली के ‘किसान आंदोलन’ में शामिल होने जा रहे किसानों की ट्रॉली का खन्ना गांव के पास एक्सीडेंट हो गया। फोन पर स्थिति पूछने पर पता चला कि भगवान की कृपा से सब ठीक हैं। बुजुर्गों को धन्यवाद, जिन्होंने घायल किसान दिग्गजों को अस्पताल पहुंचाया और उनकी देखभाल की। मैं इस दुर्घटना में घायल किसानों के शीघ्र स्वास्थ्य होने की प्रार्थना करता हूं। #FarmersProtest #AntiFarmerActs”
कीवर्ड्स के साथ ढूंढ़ने पर हमें यही तस्वीर ‘ਕਿਰਤੀ ਕਿਸਾਨ ਯੂਨੀਅਨ Kirti Kisan Union‘ (कीर्ति किसान यूनियन) के फेसबुक पेज पर भी इसी डिस्क्रिप्शन के साथ मिली। इस पोस्ट को 28 दिसंबर 2020 को शेयर किया गया था।
हमें इस एक्सीडेंट को लेकर punjab.news18.com पर भी एक खबर मिली, जिसे 28 दिसंबर, 2020 को पब्लिश किया गया था। इस खबर में शिरोमणि अकाली दल के महासचिव बिक्रम सिंह मजीठिया के फेसबुक पोस्ट को भी एम्बेड किया गया था, जिसमें वायरल तस्वीर देखी जा सकती है।
इस विषय में ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने जागरण अमृतसर के रिपोर्टर नितिन कुमार धीमान से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, “यह तस्वीर पुरानी है, ये किसान दिल्ली में हो रहे किसान आंदोलन में शामिल होने जा रहे थे जब इनकी ट्रॉली का एक्सीडेंट हो गया था।”
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर Manoj Nigam Balvant की सोशल स्कैनिंग से पता चला कि वह गोरखपुर के रहने वाले हैं और फेसबुक पर उनके 1,052 फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: Vishvas News की जांच में किया गया दावा फर्जी साबित हुआ। पुलिस और किसान आन्दोलनकारियों के बीच हाथापाई 26 जनवरी 2021 को हुई थी, जबकि ज़ख़्मी व्यक्ति की यह तस्वीर दिसंबर 2020 की है। ख़बरों के मुताबिक, चेहरे पर चोट वाले जिस बुजुर्ग की तस्वीर को गणतंत्र दिवस के दौरान हुई हिंसा का बताया जा रहा है, वह दिसंबर 2020 में पंजाब में हुई एक ट्रॉली दुर्घटना की है।
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