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Fact Check : पीएम मोदी के खिलाफ दुष्‍प्रचार की मंशा से वायरल किया गया 2014 के इंटरव्‍यू का एडिटेड अंश

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह वीडियो पुराना है,जिसे दुष्प्रचार की मंशा से हालिया बताते हुए गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

  • By Vishvas News
  • Updated: April 25, 2023

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंटरव्‍यू का एक अंश वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर 2:03 मिनट के इस अंश को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि उन्‍होंने कोई पढ़ाई नहीं की है। पीएम को पढ़ना-लिखना नहीं आता है। इस वीडियो को हालिया बताते हुए वायरल किया जा रहा है। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पता चला कि पीएम नरेंद्र मोदी के नाम से यह वीडियो क्लिप पुराना है, जिसे उनके खिलाफ दुष्प्रचार की मंशा से वायरल किया जा रहा है। यह इंटरव्‍यू मधु पूर्णिमा किश्वर ने 2013 में लिया था। उस वक्‍त मोदी गुजरात के मुख्‍यमंत्री थे। अब कुछ सोशल मीडिया यूजर्स उसी इंटरव्‍यू के एक हिस्‍से को एडिट करके गलत संदर्भ के साथ वायरल कर रहे हैं। असली वीडियो में वे अपना अनुभव बता रहे हैं कि कैसे उन्होंने अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी से जुड़ी प्रशासनिक ज़िम्मेदारियों संभालनी सीखी।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर‘डॉ शिव प्रताप सिंह राजपूत’ ने 22 अप्रैल 2023 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “मतलब साफ़ है। किसानो का काला क़ानून। अग्निवीर योजना। नोटबंदी। अडानी के ठेके। राजा ने सब कुछ बिना पढ़े लिखे साइन कर दिया। प्रधान मंत्री को पढ़ा लिखा तो होना ही चाहिए। चौथीपासराजा”

फेसबुक पर कई यूजर्स इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्चाई जानने के लिए गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो का एक लंबा वर्जन ‘मानुषी इंडिया ‘ नामक एक यूट्यूब अकाउंट पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 12 अप्रैल 2014 को शेयर किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, मधु पूर्णिमा किश्वर ने पीएम मोदी का एक इंटरव्यू लिया था। यह वीडियो उसी इंटरव्यू का एक हिस्सा है।

असली वीडियो में 07:15 मिनट पर मधु पूर्णिमा किश्वर पीएम मोदी से सवाल करती हैं कि आपकी कोई फॉर्मल ट्रेनिंग तो नहीं है, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट पर। इस पर जवाब देते हुए पीएम मोदी कहते हैं,”मैंने कॉलेज -वॉलेज कुछ नहीं देखा। लेकिन सीएम बनने के बाद मैंने पहला काम किया था। आईआईएम पढ़ने गए थे। तो हम गए थे, आईआईएम पढ़ने के लिए। हमने वहीं से शुरू किया। फिर मुझे ऐसे अफसर मिले। जब पहली बार फाइल आई,तो मेरे यहां शायद पीके मिश्रा थे। वो मेरे पहले प्रिंसिपल सेक्रेट्री थे। उनका शरीर ऐसा है कि मैं उनसे कभी इम्प्रेस नहीं हो सकता हूँ,लेकिन वो इतनी सरलता से चीज़ों को ले जाते थे और करवा लेते थे। फर्स्ट टाइम मुझे लगा कि ब्यूरोक्रेट का क्या लाइफ होता है। वो समझने का अवसर मिला उनसे। उन्होंने मुझे बताया कि आपको यहां साइन करना है। मैंने कहा-क्या, फाइल लाये तो मैं देखने लगा। मैंने कहा- इतना फाइल मैं कब पढ़ पाऊंगा। आप कह रहे हैं-साइन करो। मैं पढ़े बिना साइन कैसे कर सकता हूँ। तो उसने मुझे समझाया कि ये मेन चीजें होती हैं। इस पर नजर दीजिये। मैंने पढ़ा तो मुझे समझ नहीं आया। मैंने कहा- ब्रीफ कीजिये कि ये क्या होता है। मुझे याद है कि जैसे एक छोटे बच्चे को सिखाते हैं, मुझे वो पीके मिश्रा ने सिखाया। मैंने जेब से पेन निकाला। वे बोले-सर आपका पेन नहीं चलेगा,लाल कलर से करना पड़ेगा। मैंने पूछा ये कलर क्यों अलग मेरा? उन्होने मुझे समझाया, इस लेवल का अफसर इस कलर से साइन करता है। यानी इस प्रकार से मेरा अब शुरू हुआ है।” वीडियो में पीएम मोदी किसान कानून ,अग्निवीर योजना और नोटबंदी पर बात नहीं कर रहे हैं।

हमें ‘मानुषी इंडिया ‘ यूट्यूब चैनल पर इस इंटरव्यू के 3 वीडियो मिले, जो साल 2014 में ही अपलोड किये गए हैं। वीडियो को यहां देखें

वायरल वीडियो में मधु पूर्णिमा किश्वर लिखा नज़र आ रहा हैं। मधु पूर्णिमा किश्वर वर्तमान में इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (ICSSR) में प्रोफ़ेसर हैं और ‘मानुषी’ पत्रिका की संस्थापक एवं संपादक हैं। उनके सोशल मीडिया हैंडल पर इस बारे में सर्च किया। इस दौरान हमें 21 अप्रैल 2023 को मधु पूर्णिमा के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से किया गया एक ट्वीट मिला। मधु पूर्णिमा ने आम आदमी पार्टी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा है,”यह क्लिप  मेरी @narendramodi जी के साथ 2013 में ली बहुत लम्बी interviews में से निकाला गया है। परंतु इस सारी इंटर्व्यू पर मेरा copyright है @AamAadmiParty  ने मेरी इजाज़त के बिना कैसे चलाया? वो भी अपना घटिया अजेंडा चलाने के लिये!” ट्वीट को यहां देखें।

विश्‍वास न्‍यूज ने अधिक जानकारी के लिए पीएम मोदी का इंटरव्यू लेने वाली ‘मानुषी’ पत्रिका की संस्थापक एवं संपादक मधु पूर्णिमा किश्वर से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो के लिंक को शेयर किया। उन्होंने बताया, “वायरल हुआ छोटा-सा वीडियो क्लिप उनके द्वारा वर्ष 2013 में लिया करीब 15 घंटे के इंटरव्यू से निकाला गया है। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे। वे अपना अनुभव बता रहे हैं कि कैसे उन्होंने अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी से जुड़ी प्रशासनिक ज़िम्मेदारियों संभालनी सीखी, क्योंकि इससे पहले उनका सरकारी प्रशासन का अनुभव नहीं था, इसलिये उन्हें यह सब अपने विश्वसनीय अफ़सर पीके मिश्रा से सीखना पड़ा। इस वीडियो में नरेंद्र मोदी पीके मिश्रा के द्वारा दी गई ट्रेनिंग के बारे में बता रहे थे। कुछ विपक्षी पार्टियों द्वारा इस वीडियो के छोटे हिस्से को अब गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है।”

आखिर में विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल की स्कैनिंग की। यूजर के फेसबुक पर 10 हज़ार फॉलोअर्स हैं। प्रोफाइल को स्कैन करने के बाद हमने पाया कि यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह वीडियो पुराना है,जिसे दुष्प्रचार की मंशा से हालिया बताते हुए गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

  • Claim Review : पीएम मोदी को पढ़ना-लिखना नहीं आता है।
  • Claimed By : डॉ शिव प्रताप सिंह राजपूत
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