
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया पर आज कल एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोगों को आपस में बहस करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में एक कॉन्स्टेबल द्वारा ज़मीन पर गोली चलायी जाती है, जिससे एक महिला घायल हो जाती है। वीडियो को शेयर करके यूजर्स दावा कर रहे हैं कि एक मुस्लिम परिवार की महिला पर दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल ने गोली चलायी।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा सही नहीं है। पुलिस के अनुसार, दोनों परिवारों में लड़ाई पार्किंग को लेकर हुई थी। जिसे सुलझाने पुलिस कॉन्स्टेबल वहां पहुंचे थे। भीड़ को खुद पर हावी होता देख उन्होंने ज़मीन पर गोली चलाई, जिसमें से एक गोली डेफ्लेक्ट होकर महिला के पंजे पर लग गयी। इस मामले में सभी लोग हिन्दू थे। मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।
क्या हो रहा है वायरल
फेसबुक पर वायरल इस वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “दिल्ली पुलिस ने की क्रूरता की हद पार गाड़ी से थोड़ा लगने पर मुस्लिम युवक के माँ पर चला दी गोली!!!”
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के लिए इस वीडियो के InVID टूल की मदद से कई ग्रैब्स निकाले। फिर इन स्क्रीनग्रैब्स को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। सर्च के दौरान हमें यह वीडियो News5 Bharat नाम के एक यूट्यूब चैनल पर अपलोडेड मिला। इस वीडियो के साथ लिखा था, “Woman accidentally shot in foot by beat constable intervening in parking dispute in Rohini.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है, “रोहिणी में पार्किंग विवाद के बीच कॉन्स्टेबल ने चलायी अकस्मात गोली, जो गलती से महिला के पैर में जा लगी।”
कीवर्ड सर्च करने पर हमें इस घटना पर एक खबर hindustantimes.com पर भी मिली। खबर के अनुसार, “बाहरी दिल्ली के रोहिणी में पार्किंग के विवाद को सुलझाने की कोशिश कर रहे एक बीट कॉन्स्टेबल ने आत्मरक्षा में गोली चलायी जो गलती से एक महिला के पैर में लग गयी।”
खबर के अनुसार, पुलिस उपायुक्त (रोहिणी) पीके मिश्रा ने कहा, “हमने भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जैसे एक लोकसेवक पर हमला करना, एक लोकसेवक को उसकी ड्यूटी करने से रोकना, चोरी (पिस्तौल और अन्य वस्तुओं की) और चोरी के दौरान चोट पहुँचाना।”
हमने ज़्यादा पुष्टि के लिए डीसीपी पीके मिश्रा से संपर्क साधा। हमसे फ़ोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “यह घटना 25 नवंबर की है। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल शामिल नहीं था।” उन्होंने हमारे साथ घटना के विवरण का एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया। इस डॉक्युमेंट के अनुसार, इस घटना में शामिल कोई भी व्यक्ति मुस्लिम समुदाय का नहीं था।
इस वीडियो को गलत दावे के साथ सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर काजल निषाद नाम की फेसबुक पेज ने शेयर किया था। प्रोफाइल के अनुसार, पेज के 181,664 फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा सही नहीं है। पुलिस के अनुसार, दोनों परिवारों में लड़ाई पार्किंग को लेकर हुई थी। जिसे सुलझाने पुलिस कॉन्स्टेबल वहां पहुंचे थे। भीड़ को खुद पर हावी होता देख उन्होंने ज़मीन पर गोली चलायी, जिसमें से एक गोली डेफ्लेक्ट होकर महिला के पैर पर लग गयी। इस घटना में शामिल कोई भी व्यक्ति मुस्लिम समुदाय का नहीं था। मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।
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